Heavy Rains Disrupt Normal Life in Himachal Pradesh: भूस्खलन से हुई भयंकर क्षति और पीड़ितों को मुआवजे का आश्वासन

Heavy rains disrupt normal life in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने से राज्य का अधिकांश हिस्सा बर्बाद हो गया है. धुनाग, करसोग और गोहर जिलों में अभी भी कई लोग लापता हैं. बचाव दल इन लापता लोगों को खोजने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.

भारी बारिश के कारण मंडी के धर्मपुर के सयाठी गांव के लोग जलमग्न हो गए हैं. इस गांव में शुरुआत में करीब 62 लोग लापता थे, बाद में बचाव दल ने इन 62 लोगों को बचा लिया. भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश के जंजैहली और थुनाग इलाकों में सड़कें पूरी तरह से तबाह हो गई हैं

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस प्रभावित इलाके के लोगों की मदद के लिए मदद की है. सोमवार रात तक मंडी जिले में भारी बारिश हुई है. इस भारी बारिश और भूस्खलन के कारण मंडी जिले में अब तक करीब 235 सड़कें बंद हो चुकी हैं. इस जिले में हुए भूस्खलन में कई लोग लापता हो गए हैं.

बचाव दल इन लापता लोगों को खोजने की कोशिश कर रहा है. राज्य प्रशासन और बचाव दल भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों तक गाड़ी से नहीं पहुंच पा रहे हैं, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें पैदल ही प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही हैं और प्रभावित लोगों को बचा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने दिया मुआवजा देने का आश्वासन:

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भूस्खलन और बाढ़ में जिन लोगों के घर और गौशालाएं नष्ट हुई हैं, उन्हें मुआवजा देने का आश्वासन भी दिया है। उन्होंने बुधवार को राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावित लोगों से बात की और यह आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मारे गए गाय, बकरी, भेड़ और अन्य सभी जानवरों को मुआवजा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्षतिग्रस्त सड़कों की शीघ्र मरम्मत की भी घोषणा की। उन्होंने राज्य प्रशासन और बचाव दलों को लोगों के साथ रहने की सलाह दी ताकि इस आपदा में किसी को कोई परेशानी न हो।

राज्य में नुकसान और लापता पर्यटकों का बचाव:

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भूस्खलन की भयावहता से राज्य प्रशासन भी हैरान है। हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक मंडी में कई घर और गौशालाएं तबाह हो गई हैं। इस इलाके में करीब 105 गौशालाएं, 148 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 14 पुल भी नष्ट हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले और अन्य जिलों में लोग घरों के अंदर अंधेरे में रहने को मजबूर हैं, क्योंकि राज्य में करीब 918 बिजली ट्रांसमिशन लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

इसके अलावा, पीने के लिए पानी की समस्या राज्य के लगभग सभी जिलों में देखने को मिल रही है। राज्य में करीब 684 पेयजल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बचाव दल ने भूस्खलन और भारी बारिश के कारण लापता हुए 251 पर्यटकों को ढूंढ निकाला है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। प्रशासन ने इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह भी दी है।

राज्य के लोगों को राहत सामग्री का वितरण:

हिमाचल प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में मंडी भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इसी वजह से राज्य के मुख्यमंत्री ने सेना के हेलीकॉप्टर से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों को राहत सामग्री वितरित की।

इस दिन राज्य सरकार ने मंडी जिले और अन्य जिलों में 172 राहत किट वितरित कीं। इतना ही नहीं, जंजाली क्षेत्र में भी राहत किट दी गईं है । इस क्षेत्र में करीब 82 राहत किट वितरित की जा चुकी हैं। आपको बता दें कि प्रत्येक राहत किट में चावल, तेल, आटा, दालें और अन्य आवश्यक सामान एक साथ पैक किया गया है।

स्थानीय लोगों के लिए राज्य सरकार की सलाह:

हिमाचल प्रदेश में 5 तारीख तक भारी बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, सोलन और शिमला में 5 जुलाई तक हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। इसलिए राज्य सरकार ने इन दोनों क्षेत्रों के लोगों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

बुधवार को हिमाचल प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश नहीं हुई। बुधवार को राज्य में हवा की स्थिति शुष्क रही थी । राज्य प्रशासन ने लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर निकलने और बारिश में भीगने से बचने की सलाह दी है।

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