Uttar Pradesh Contract Employee Salary Hike: सरकार का ऐतिहासिक फैसला! अब आउटसोर्सिंग वर्कर्स को मिलेंगे 18000 रुपये प्रतिमाह

Uttar Pradesh Contract Employee Salary Hike: उत्तर प्रदेश राज्य में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को हर महीने बहुत कम वेतन मिलता था। चीजों के दाम बढ़ने की वजह से इस छोटे से वेतन से घर का खर्च चलाना बहुत मुश्किल हो रहा था। इसलिए आउटसोर्स कर्मचारी सरकार से वेतन बढ़ाने की उम्मीद कर रहे थे।आउटसोर्स कर्मचारियों की यह मांग नई नहीं है वे कई सालों से सरकार से वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

लेकिन राज्य सरकार की तरफ से उन्हें कोई अच्छा जवाब नहीं मिल रहा था। इसलिए 16 जून 2025 को आउटसोर्स कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में मुख्यमंत्री के सचिव से मिला और उन्होंने वेतन बढ़ाने की मांग रखी। शुरुआत में सरकार ने उनकी मांग मानने से इनकार कर दिया था लेकिन बाद में राज्य सरकार ने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने पर हामी भर दी।

वेतन वृद्धि पर सरकार और कर्मचारियों के बीच समझौता:

आउटसोर्स कर्मचारियों के यूनियन ने मांग की थी कि उनका मासिक वेतन 20,000 रुपये किया जाए, लेकिन सरकार ने इसे मानने से मना कर दिया। पहले सरकार ने 16,000 रुपये मासिक वेतन देने की बात कही, लेकिन बाद में आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बैठक हुई। इसके बाद सरकार ने उनका वेतन 18,000 रुपये प्रति महीना करने का फैसला किया। अब राज्य के हर आउटसोर्स कर्मचारी को समय पर 18,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा।

आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 9 लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी काम करते हैं। उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की जरूरत है, लेकिन हर महीने मिलने वाला वेतन इसके लिए पर्याप्त नहीं था। जहां दूसरे कर्मचारियों को 20,000 रुपये या उससे ज्यादा वेतन मिलता है, वहीं आउटसोर्स कर्मचारियों को सिर्फ 8,000 रुपये मिलते थे। इस वजह से आउटसोर्स कर्मचारी अपनी आर्थिक स्थिति और सामाजिक सम्मान बढ़ाने के लिए सरकार से वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे।

9 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ:

हालांकि सरकार पहले मानने को तैयार नहीं थी, लेकिन बाद में वेतन बढ़ाने के फैसले से सभी कर्मचारी बहुत खुश हैं। अब उन्हें हर महीने 18,000 रुपये मिलेंगे। उम्मीद है कि इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।वेतन कम मिलने के अलावा आउटसोर्स कर्मचारियों की एक और समस्या यह है कि कई संगठन बिना किसी वजह से उनके वेतन में कटौती कर देते हैं और समय पर वेतन भी नहीं देते। वेतन बढ़ाने की मांग के साथ ही आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने सरकार को इन सभी परेशानियों के बारे में बताया।

सरकार ने उनकी सभी शिकायतें सुनकर यह सुनिश्चित करने का फैसला किया कि भविष्य में आउटसोर्स कर्मचारियों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो। इसके बाद राज्य सरकार ने सभी सरकारी और निजी संगठनों को हर महीने की 5 तारीख तक कर्मचारियों को वेतन देने का आदेश दिया। सरकार ने यह भी कहा कि वेतन बढ़ाने का यह फैसला 1 जुलाई 2025 से लागू होगा।

वेतन भुगतान में देरी और कटौती की समस्या:

सरकार का यह फैसला और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए दिए गए निर्देश सभी कर्मचारियों के लिए खुशी की बात है। इससे कर्मचारियों में काम करने का उत्साह बढ़ेगा और 18,000 रुपये मासिक वेतन मिलने से वे धीरे-धीरे अपनी आर्थिक स्थिति सुधार पाएंगे। साथ ही, हर कर्मचारी से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपना काम ईमानदारी और जिम्मेदारी से करेगा।

सरकार के आदेश के अनुसार, 1 जुलाई 2025 से सभी संगठनों ने 5 तारीख तक आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन दे दिया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आउटसोर्स कर्मचारियों का मासिक वेतन कभी भी 18,000 रुपये से कम नहीं होना चाहिए। इसलिए सभी संगठनों ने 5 जुलाई तक अपने कर्मचारियों के खाते में 18,000 रुपये वेतन भेज दिया है।

कर्मचारियों में उत्साह और आशा:

सरकार ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर कोई संगठन इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो सरकार उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। सरकार के इस फैसले से कर्मचारी बहुत खुश हैं। पहले कम वेतन की वजह से कर्मचारियों में काम करने का मन नहीं करता था, लेकिन अब वेतन बढ़ने से उनका उत्साह बढ़ गया है और वे अपने काम को अच्छे से कर पा रहे हैं।

इस वेतन वृद्धि से कर्मचारियों के परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और उनका सामाजिक सम्मान भी बढ़ेगा। इसलिए उत्तर प्रदेश के सभी आउटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के लिए धन्यवाद दिया है। सरकार ने कर्मचारी प्रतिनिधियों को यह भरोसा दिलाया है कि भविष्य में भी वह आउटसोर्स कर्मचारियों की मदद के लिए तैयार रहेगी।

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